08-02-2019
"निजभाषा उन्नति अहै, सब उन्नति कौ मूल।
बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिय को सूल।"
हम सबका कर्तव्य है की हम हिंदी को राष्ट्रभाषा के पद पर आसीन करने के लिए हर संभव प्रयास करें। हिंदी व्याकरण, हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है। यह हिंदी भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। हिन्दी के महत्व को नज़र रखते हुए तथा छात्रों में उत्सुकता बढ़ाने के लिए प्रिसीडियम पीतमपुरा की कक्षा दो के छात्रों ने व्याकरण चकरी खेल खेला। बच्चे दी हुई, व्याकरण की अवधारणाओं की समझ पिछले चरण में विकसित कर चुके थे। इस गतिविधि के द्वारा पुनः लिंग बदलो, एक-अनेक, विलोम शब्दों, द्वित्व व्यंजन, तुकांत शब्दों, और समानार्थी शब्दों की समझ को सुदृढ़ करवाया गया। इस गतिविधि के साथ एक और गतिविधि करवाई गई जिसमे बच्चों ने अक्षरों का खेल पीटरा (फ़्लैश कार्ड) की मदद से मात्राओं, स्वरों और व्यंजनों को जोड़कर वाक्य बनाए। इस गतिविधि के माध्यम से शब्दों का क्रम एवं उनके प्रयोग को सुदृढ़ करवाया गया। सभी छात्रों ने बढ़चढ़कर गतिविधियों का आनंद लिया।